दिन गुज़रता नहीं आता – मीना कुमारी
दिन गुज़रता नहीं आता रात काटे से भी नहीं कटती रात और दिन के इस तसलसुल में उम्र बांटे से भी नही बंटती अकेलेपन के अन्धेरें में दूर दूर तलक यह एक ख़ौफ़ जी पे धुँआ बनके छाया है फिसल के आँख से यह छन पिघल न जाए कहीं पलक पलक ने जिसे राह से … Read more